रूठने मानने के रीवाज़ों से परे हाथों मे हाथ लेकर दिये साथ जलाओगी न जीवन मे सभी अंधेरे जीवन मे मेरा दिया बन जाओगी न भुला के सभी गिले शिकवे रंगोली साथ बनाओगी न माना मुमकीन नही साथ हमारा चार कदम साथ चलकर मेरा स्वाभिमान बन जाओगी न दिलो मे चरागो सा रॉशनदान लेकर दिल के सारे राज बताओगी न यू तो किये है वादे कई पहले भी ये वादा तो दिल से निभाओगी न वैसे मनाई हैं दिवाली पहले भी तुम बिन is बार तो ये दस्तूर तुड़वाओगी न जान इस दिवाली पर तो मुझसे मिलने आओगी न ©Ks मुझसे मिलने आओगे न #OneSeason