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न जाने कैसी फ़ितरत है इंसान में, एक दूसरे के जान‌

न जाने कैसी फ़ितरत है इंसान में,
एक दूसरे के जान‌ के प्यासे हैं इस जहान में।
(शहनवाज़ ख़ान)
19.12.2012 #enmity
न जाने कैसी फ़ितरत है इंसान में,
एक दूसरे के जान‌ के प्यासे हैं इस जहान में।
(शहनवाज़ ख़ान)
19.12.2012 #enmity
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