White आज़ाद ख़याल नीली पीली सी कुछ गोलियाँ घोल कर मैं जिंदगी जीता हूँ अब तोल मोल कर मुझे मर्द होने का एक नुकसान रहा है मैं कभी रो नहीं पाया हूँ जी खोल कर मोहब्बत तिज़ारत नहीं कि तुम भी करो मैं थक चुका हूँ उनको ये बोल बोल कर आईने मेरे चेहरे की हक़ीक़त को बता आबले पड़ गए क्यों मेरे डील डोल पर इन सुर्ख आँखों से कोई इश्क क्यों करे दिल तो अटके हैं किसी और चोल पर ©सफ़ीर 'रे' #SAD #Hindi #Love #काव्यार्पण Sʜɘʜʑʌɗʌ...ŠÅḨÄƁ सचिन सारस्वत