समय का चक्र जब किसी का न्याय करता है। इंसान तब अपने गुनाहों की सज़ा भरता हैं। ईश्वर भी स्वयं ही बंधे हैं विधि के इस चक्र से, कर्मो का फल मीठा तो कभी कड़वा होता हैं। P.P.013 #PP_शब्दरेखा_समयकाचक्र ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है।