अपनी सुध-बुध खोकर सोई रही, उनकी गोद मे अपना सर रखकर। बैठकर वो बंसी की धुन सुनाते रहे, श्याम सपनो में मुझको रिझाते रहे। मैंने चाहा कि जागु मगर डर गई, और श्याम मेरी इस हालत पर मंद-मंद मुस्कराते रहे। पल-पल बिता जैसे रात मिलन की, कभी मैं उनसे कभी वो मुझसे... सारी रात यूँही नजरें चुराते रहे। ना टूटे मेरा ये ख्वाब इसलिए, श्याम सारी रात मधुर बंसी बजाते रहे। ©®राधाकृष्णप्रिय Deepika राधा जी का ख्याल #राधा #कृष्णा #सच्चा_प्रेम #पवित्र_प्रेम #Nojoto #Love #true_love #purelove