ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ, बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ.. न बोलूँ सच तो कैसा आईना मैं, जो बोलूँ सच तो चकना-चूर हो जाऊँ.. बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे, कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ.. मेरे अंदर से गर दुनिया निकल जाए, मैं अपने-आप में भरपूर हो जाऊँ। ©meri kalam #मैं #walkingalone