तमाम राते गुजरी और कुछ अल्फ़ाज़ लिखे हमने कुछ अच्छे कुछ बुरे तो कुछ खास लिखे हमने अपनी बेबसी का आलम भी लिखा हमने और उनकी खुशियों के साज भी लिखे हमने।। शायरी यू ही नहीं बनती ज़माने वालो दिल तोड़ा है तब जाकर अहसास लिखे हमने।। खुद को बिखरते हुए देखा है यारो कोरे कागज़ पर अश्को से जज्बात लिखे हमने।। मज़ाक उड़ाते है लोग तो कोई गम नहीं दिल को हल्का करने के लिए ख्यालात लिखे हमने।। तमाम राते गुजरी और कुछ अल्फ़ाज़ लिखे हमने।। दिल के हालात