मेरा दिल भी, इन सूखे पत्तों की तरह ही है। वो हवा बनकर आती है, उडा़कर एक जगह से दूसरी जगह छौड़, चली जाती है।। #दिल #पत्ते #हवा #कवि_जीत_परमार