उस प्यार की दुहाई क्यों देते हो जो छोड़ चली, दिल में ज़ख़्म और आँखों में आसूँ भर चली। ये प्यार नहीं ख़ुदकुशी है प्यारे, जीते हो उसके लिए जो तेरी वफ़ा भूल चली।— % & तुम सोचती हो तुम्हारे जाने से प्रेम नही रहेगा.... जानती हो... तुम छोड़ गयी हो अपनी आत्मा मेरी देह में.... मुझे प्रेम विहीन नहीं किया तुमनें..!! #शुभरात्रि #हिंदी_साहित्य #goodnight #poetrycommunity #shayri #YourQuoteAndMine