कसमें और वादे क़समें वादे कर कर के तोड़े हैं जाते कुछ दूर चलकर साथ छोड़े हैं जाते ज़रा मुफलिसी आकर बना ले जो घेरे अच्छे भले मुंह भी फिर मोड़े हैं जाते खुद को नही आया सलीका जिंदगी का दाग औरो के किरदार में जोड़े हैं जाते जिन एहसासो से खुद का नही कोई वास्ता दूसरों में अक्सर वो ही झंझोडे हैं जाते आमिल Qasme waade kr kr ke tode hain jaate Kuch door chal ke sath chode hain jaate Zara muflisi aakr bnaa le jo ghere Achche bhale muh bhi fir mode hain jaate Khud ko nhi aaya saleeka zindgi ka Daag ooro ke kirdaar mai jode hain jaate