ए चाँद क्यों तू मुझे इतना सताता है, दिला कर याद मुझे उसकी क्यों रुलाता है, की जो नादानी मैंने उससे मोहब्बत करने की, मेरी नादानी पर क्यों मुझे तू चिढ़ाता है, मोहब्बत कोई गुनाह तो नहीं है, फिर कोई बीच रास्ते में क्यों छोड़ जाता है | ©Suresh Gulia #Moon Jugal Kisओर D R Rathore भीमराज बलाई rajasthani Punnuuu