इतने ख़ुदग़र्ज़ होंगे हम, कहां मालूम था मुझको मिले फुरकत से बरसो बाद लिपट के रो पड़ी फुरकत, कमबख्त ये दिल नहीं रोया।। #खुदगर्ज़ी