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महत्व केवल शब्द है,नहीं जानिए आप। समझे इसका मूल्य

महत्व केवल शब्द है,नहीं जानिए आप।
समझे इसका मूल्य जो,पाए ना संताप।।१

अर्थ बड़ा ही गूढ़ है,कहते जिसे महत्व।
रोग विफलता ना मिले,नियमित लें यह सत्व।।२

सृजन सार इसमें निहित,तंत्रों का यह तंत्र।
ग्रहण सदा इसको करें,बड़ा यही बस मंत्र।।३

सफल यहाँ पे जो हुए,इससे था अपनत्व।
नहीं व्यर्थ होता कभी, मूल्यवान यह तत्व।।४

विज्ञ मूढ़ इससे बनें,सब समझें दायित्व।
अपना ले मानव इसे,चाह अगर ईशित्व।।५

सिद्ध यही वह कुंभ है, दिया सदा अमरत्व।
सृजन यहाँ जो भी करें,मिले सृजन अस्तित्व।।६

©Bharat Bhushan pathak 
महत्व केवल शब्द है,नहीं जानिए आप।
समझे इसका मूल्य जो,पाए ना संताप।।१

अर्थ बड़ा ही गूढ़ है,कहते जिसे महत्व।
रोग विफलता ना मिले,नियमित लें यह सत्व।।२

सृजन सार इसमें निहित,तंत्रों का यह तंत्र।
महत्व केवल शब्द है,नहीं जानिए आप।
समझे इसका मूल्य जो,पाए ना संताप।।१

अर्थ बड़ा ही गूढ़ है,कहते जिसे महत्व।
रोग विफलता ना मिले,नियमित लें यह सत्व।।२

सृजन सार इसमें निहित,तंत्रों का यह तंत्र।
ग्रहण सदा इसको करें,बड़ा यही बस मंत्र।।३

सफल यहाँ पे जो हुए,इससे था अपनत्व।
नहीं व्यर्थ होता कभी, मूल्यवान यह तत्व।।४

विज्ञ मूढ़ इससे बनें,सब समझें दायित्व।
अपना ले मानव इसे,चाह अगर ईशित्व।।५

सिद्ध यही वह कुंभ है, दिया सदा अमरत्व।
सृजन यहाँ जो भी करें,मिले सृजन अस्तित्व।।६

©Bharat Bhushan pathak 
महत्व केवल शब्द है,नहीं जानिए आप।
समझे इसका मूल्य जो,पाए ना संताप।।१

अर्थ बड़ा ही गूढ़ है,कहते जिसे महत्व।
रोग विफलता ना मिले,नियमित लें यह सत्व।।२

सृजन सार इसमें निहित,तंत्रों का यह तंत्र।