*✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“8/6/2021”*⭐ 🌳 *“मंगलवार”*🌴 जब कोई “व्यक्ति” “धर्म धारण” करता है तो वो “धर्म” भी उस व्यक्ति की “रक्षा” करता है तो उसे “धर्म” कहते हैं, “धर्म” जो “रक्षा” करता है “अहंकार” से, “बुरे विचारों”,“बुरे कर्म” से, इसलिए “पुरुषार्थ(मेहनत)” करने से पूर्व “धर्म का पालन” करने से पूर्व, “धर्म” का “उचित अर्थ” क्या है ये समझ लीजिए, जान लीजिए कि हर “धर्म” का आधार, हर धर्म का मूल “प्रेम” और “इंसानियत” है, इसलिए “धर्म” को अपनाकर कोई “गलत काम” या किसी की “आत्मा को ठेस” ना पहुंचाएं, हो सके तो “इंसानियत” और “प्रेम” सब में बांटिए... *“अतुल शर्मा”🖋️🌳* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 ✨*“8/6/2021”*⭐ 🌳 *“मंगलवार”*🌴 #“व्यक्ति” #“धर्म धारण”