शहर जो आज़ाद किया करता था, आज बंदिशें हजार लगा रहा है, देखो किस तरह वो अपनी सत्ता से, अपने ही बाशिंदों को डरा रहा है, अहंकार में है वो अभी इतना, मुट्ठी से फिसलती रेत न देख पा रहा है, आवाज़ दबाने चला है वो अभिव्यक्ति की, वो आवाज़ शंखनाद बनता जा रहा है, फिर न कहना, ऐ सत्ताधारी, किसी ने चेता नहीं, आज़ाद शहर तेरी सत्ता का मखौल उड़ा रहा है| फिर न कहना... A poetry on the recent outrageous step taken by the Mumbai police under the support of Maharashtra government led by Uddhav Thackray. To arrest Arnab is not a problem but the way it has been done shows that it is just to show their power and strength and to bring fear in the mind of every person who talk against their government. #फिरनकहना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #freedomofexpression #iamrepublic #vineetvicky #poetryflashes