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क्या लिखूँ आज शब्द नहीं निकल रहें हैं,किसी का जीवन

क्या लिखूँ आज शब्द नहीं निकल रहें हैं,किसी का जीवन संगी साथ छोड़ गया , ईश्वर ने क्यों ऐसा खेल खेला है।बेचारी के मुख से वो एक शब्द निकला बार- बार क्यों चले राह छोड़ मुझे ‌।
मेरा कोई नहीं तुम्हारे वगैर ।लौट आओ साथी 
, साहिल भी नहीं मिला भंवर में कश्ती कैसे सम्भालू इस जीवन की कश्ती को ,लौट आओ ,।

©Vimlesh Gautam
  # वो साहिल भी नहीं मिला

# वो साहिल भी नहीं मिला #ज़िन्दगी

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