कोरा काग़ज़ विशेष प्रतियोगिता-27 विषय :- सपनों का घर ******************* देखा है हमने एक सपना, मुस्कुराहट में गुज़र होगा। होगी ख़ुशियों की बारिशें, जब सपनों का घर होगा। हर तीज त्यौहार सुहाने होंगे, ख़ुशनुमा हर पहर होगा। अपनों के संग मुस्कुरायेंगे, चाहे दिन या दोपहर होगा। उम्मीदों की मजबूत छत में, दुआओं का असर होगा। होगी पूरी हर ख़्वाहिश, ख़ुशियों का भी समंदर होगा। आशियाना अपना कैसा भी हो, महलों से बेहतर होगा। प्रेम, स्नेह, दुलार से भरा, अपना सपनों का घर होगा। तकलीफ़ न होगी जीवन में, जब प्यार का बसर होगा। ख़ुदा के रहम-ओ-करम से, सुहाना हर मंज़र होगा। कोरा काग़ज़ विशेष प्रतियोगिता-27 विषय :- सपनों का घर देखा है हमने एक सपना, मुस्कुराहट में गुज़र होगा। होगी ख़ुशियों की बारिशें, जब सपनों का घर होगा। हर तीज त्यौहार सुहाने होंगे, ख़ुशनुमा हर पहर होगा। अपनों के संग मुस्कुरायेंगे, चाहे दिन या दोपहर होगा।