लिख चुका है गीत,चूके शब्द न आघात में, तुम हृदय रखते जो हो तो समझो बात-बात में, अक्षरों का चुभना हो फिर भाव आत्मसात् में, बोल आत्मा के ही प्यारे, बात तीर न गात में। ©BANDHETIYA OFFICIAL गीत हृदय से हृदय तक। #selfhate