वाक़ि'आत-ए-माज़िय्या, यूं उलझते रहे, हर साँस में तपिश भरकर, हम सुलगते रहे..!! वाक़ि'आत-ए-माज़िय्या : past occurrence/ memories #उलझनें_जिंदगी_की #yqdidi #yqbaba #yqrestzone #yqquotes #molika