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White फिर मौसम बदलने को है, अब मुसाफ़िर चलने को है।

White फिर मौसम बदलने को है,
अब मुसाफ़िर चलने को है।
तुम गैर के हो ही चुके हो,
और मेरी रूह भी जलने को है।
खुद को तसल्लियां दे रहा हूँ,
पर दिल कहाँ सम्भलने को है ?
दिल में दर्द दबा लिया है,
आँख से अश्क़ निकलने को है।
मेरे दर्द को आराम नहीं,
ये सर्द रात भी ढलने को है।

©Madhav Awana #good_night #sad_shayari #Sad_Status #sadpoetry #MadhavAwana #loveshayri
White फिर मौसम बदलने को है,
अब मुसाफ़िर चलने को है।
तुम गैर के हो ही चुके हो,
और मेरी रूह भी जलने को है।
खुद को तसल्लियां दे रहा हूँ,
पर दिल कहाँ सम्भलने को है ?
दिल में दर्द दबा लिया है,
आँख से अश्क़ निकलने को है।
मेरे दर्द को आराम नहीं,
ये सर्द रात भी ढलने को है।

©Madhav Awana #good_night #sad_shayari #Sad_Status #sadpoetry #MadhavAwana #loveshayri
madhavawana7704

Madhav Awana

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