नारी तू इतनी कमजोर नहीं क्या ख्वाबों में तेरे ज़ोर नहीं क्यों घुट घुटकर मरती रहती क्यों आंखों में तेरे शोर नहीं। तू हैं जननी तू मर्यादा है मान तेरा रब से ज्यादा क्यों पहचान ना खुद को पाई तू क्यों चर्चा ये चारो ओर नहीं। तू सीता सी सीतल भी है तुझमें दुर्गा की ज्वाला है तू रोशन है अपने दम से तुझसे ही घर में उजाला है। डटकर मुकाबला कर इनका जो मुश्किल तुझे डराती हैं तू सृष्टि का आधार मात्र तुझ सा यहां कोई और नहीं। ©शून्य #नारी #Women #impowerment #Motivational #Poetry #शायरी #कविता