जाने कैसे बिखरे है ये पल.... लगता है जैसे गम कि पलकोसे ओझल हुये है ये पल.... है अधुरी क्यू ये कहाणी.... है अधुरा क्यू ये फसाना.... जैसे अधुरे पल का,ये रिश्ता है पुराना.... अधुरा ही सही साथ जो दे,क्यू ना वही एतबाऱ हो.... तूट कर भी जो फणा हो, क्यू ना वही प्यार हो.... बिछड के भी जो मुझसे,खफा नहीं है मुझसे.... दूर है वो कही मुझसे, पर बेवफा तो नहीं है खुदसे.... है उल्झणे इन वक्त कि जंजिरोमे.... वो जंजिरे भी लाँध दे कोई, मगर इतना फना नहीं.... #wobaateunkahi #yqbaba #yqdidi #yqaestheticthoughts #love #poetry