प्रेम जताया नहीं जाता, प्रेम तो किया जाता है, प्रेम इंसान द्वारा बनाई गई, हर सीमा से परे होता है, प्रेम तो ईश्वर का अंश है, प्रेम सामाजिक, जाति, देश, प्रदेश, अमीर, गरीब जैसे भेदभावों से परे और श्रेष्ठ है, किंतु आज इसका घोर अपमान हो रहा है, जहां नर और नारी एक दूसरे को पूर्ण करते हैं, वहां आज दोनो ही आपस में एक दूसरे की बराबरी करने के लिए झगड़ रहे हैं, इस बात से अंजान कि दोनो बराबर ही हैं, जहां ये दोनो एक दूसरे की शक्ति हैं, वहीं आज एक दूसरे के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करते लड़ रहे हैं। लड़ना है तो समाज की उन बेड़ियों से लड़ो, जिन्होंने इन दिनों के बीच ऊंच नीच का माप दंड बना रखा है, और शर्म आती है उन लोगों पर जो यह कहकर सत्य के ज्ञान से मुंह मोड़ लेते हैं, कि अब तो ऐसा ही होता है, यह प्रेम की वाणी नहीं, काम वासना हवस और कायरों की वाणी है, जिसने प्रेम जैसे पवित्र बंधन को मज़ाक बना दिया है, प्रेम तो शिव पार्वती है, राधा कृष्ण है, राम और सीता है। ©Akhil Kael #Prem सर्वोत्तम है