धर्म,मजहब, जाति जो भी है ये सब हम इंसानों ने बना लिया, वो भी इसीलिए की हम धर्म और जाति से खुद को अच्छा साबित कर सके। अगर आप अच्छे है या बनना चाहते हैं तो उसमें आपके स्वयं की नियति, विचार , और कर्म है। फिर चाहे आप किसी भी धर्म या जाति से हो। जीवन का एक ही मूलमंत्र है । -- जो आप खुद के लिए सही नहीं समझते वो किसी दूसरे के लिए सही कैसे हो सकता है । #जीवन संदेश, भारत संदेश, मानव संदेश।