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Best Quotes चौराहे पे एक मुस्लिम युवक को पीटा जा र

Best Quotes चौराहे पे एक मुस्लिम युवक को पीटा जा रहा था. पीटने वाले दर्जन भर लोग खुद को गौ-रक्षक बता रहे थे और पिटने वाले पे गौ-हत्या का आरोप था. भीड़ धार्मिक कट्टरता से चमचमता हुआ राष्ट्रवाद का चश्मा पहन तमाशा देख रही थी. धर्म आधारित घृणा भीड़ के अंदर भी इस तरह घर कर गयी थी कि वहाँ तमाशा देख रहा हर व्यक्ति यही मान रहा था कि गौ-हत्यारों का यही हश्र होना चाहिए.  
मार खाने वाला युवक हाथ ते थे और पिटने वाला युवक जिसको सब गौ-हत्यारा समझ रहे थे , एक “पशु-चिकत्सक” था जिसने बहुत सी गायों का इलाज भी किया था. अन्य जानवरों के साथ साथ उसने कई बार बहुत सी गायों को भी बचाया था. 
जब भीड़ ने राष्ट्रवाद का चश्मा उतारा तो उन्हें रक्षक और भक्षक का फ़र्क भी धुँधला धुँधला दिखाई देने लगा. जाते जाते उनके चश्मों से धार्मिक कजोड़े, जान की भीख माँगता हुआ अपनी सफाई में कुछ कह भी रहा था मगर उसका बोला हर शब्द मारने वालों की गालियों, नारों और "गाय हमारी माता"  के शोर में खो सा गया.  थोड़ी देर में पुलिस आई, पूछताछ की और सबका पहचान पत्र देखा. पूछताछ करने पे मालूम हुआ  कि पीटने वालों में से पाँच “गौ-रक्षक” किसी कसाई-खाने में काम करट्टरता की चमक भी कम होती गयी. वापस जाते हुए भीड़ अपने साथ एक सबक और एक सवाल घर ले गयी . सबक यह कि हर हिंदू गौ-रक्षक नहीं होता,हर मुस्लिम गौ-हत्यारा नहीं होता. सवाल ये कि "असली गौ-रक्षक कौन??"

#RIPAkbarKhan #StopMobLynching #MobLynching #AkbarKhan
Best Quotes चौराहे पे एक मुस्लिम युवक को पीटा जा रहा था. पीटने वाले दर्जन भर लोग खुद को गौ-रक्षक बता रहे थे और पिटने वाले पे गौ-हत्या का आरोप था. भीड़ धार्मिक कट्टरता से चमचमता हुआ राष्ट्रवाद का चश्मा पहन तमाशा देख रही थी. धर्म आधारित घृणा भीड़ के अंदर भी इस तरह घर कर गयी थी कि वहाँ तमाशा देख रहा हर व्यक्ति यही मान रहा था कि गौ-हत्यारों का यही हश्र होना चाहिए.  
मार खाने वाला युवक हाथ ते थे और पिटने वाला युवक जिसको सब गौ-हत्यारा समझ रहे थे , एक “पशु-चिकत्सक” था जिसने बहुत सी गायों का इलाज भी किया था. अन्य जानवरों के साथ साथ उसने कई बार बहुत सी गायों को भी बचाया था. 
जब भीड़ ने राष्ट्रवाद का चश्मा उतारा तो उन्हें रक्षक और भक्षक का फ़र्क भी धुँधला धुँधला दिखाई देने लगा. जाते जाते उनके चश्मों से धार्मिक कजोड़े, जान की भीख माँगता हुआ अपनी सफाई में कुछ कह भी रहा था मगर उसका बोला हर शब्द मारने वालों की गालियों, नारों और "गाय हमारी माता"  के शोर में खो सा गया.  थोड़ी देर में पुलिस आई, पूछताछ की और सबका पहचान पत्र देखा. पूछताछ करने पे मालूम हुआ  कि पीटने वालों में से पाँच “गौ-रक्षक” किसी कसाई-खाने में काम करट्टरता की चमक भी कम होती गयी. वापस जाते हुए भीड़ अपने साथ एक सबक और एक सवाल घर ले गयी . सबक यह कि हर हिंदू गौ-रक्षक नहीं होता,हर मुस्लिम गौ-हत्यारा नहीं होता. सवाल ये कि "असली गौ-रक्षक कौन??"

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rahulmishra7749

Rahul Mishra

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