बार बार रख सिर तेरे दर पे खुदा गुन्हओ को मेरे याद कर रो रहा हू रख कंधो पे हात मेरे उठाओगे मुझे इस बात का मे इंतजार कर रहा हू कवी खुल्या मनाचा