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फूल हुए कम खार बहुत हैं, जलधर कम अंगार बहुत है।

फूल हुए कम
खार बहुत हैं, 
जलधर कम
अंगार बहुत है। 
जाति, धर्म, भाषा के नारे
खतरे के आसार बहुत है। 
फिर गांधी सा वैद्य चाहिए, 
ये नेता बीमार बहुत है।।

©Janhvi #politicsreality
फूल हुए कम
खार बहुत हैं, 
जलधर कम
अंगार बहुत है। 
जाति, धर्म, भाषा के नारे
खतरे के आसार बहुत है। 
फिर गांधी सा वैद्य चाहिए, 
ये नेता बीमार बहुत है।।

©Janhvi #politicsreality