तुम किसे समझाये रहे आपन दुःख किसे बताए रहे कौन समझेगा? वो जो सुन रहा... अरे वो खुद उलझा हैं कुछ पल ठहर फिर वो आपन सुनाएगा तुमपे उसका दुख भारी पड़ जायेगा "दुनिया मे कितना गम हैं ,मेरा गम कितना कम है "फिर गाएगा हम किसे बताए रहे ये सोच शौक मनाएगा ये चेहरे ही हंसी बाह्यरूपी दिखावा हैं किसी को टटोलोगे तो पता चलेगा वो अंदर से जख़्मी, घायल- दुःख से भरा प्याला हैं जो बह्यरूपी रंग काला है जो खुद को नज़र आता पर ओरो को नही। ©Arun kr. #udas #udas