#सलिल रातों की गुमनाम अंधेरों में। मैं बैठा था कुछ दूरी पर, एक धुंध सी रोशनी सी परी। उसके सुनहरे चहेरो`पर। देख के उसे यू बस।। अभी जीने की जो आस जगी थी। अचानक, गुम सी वो हो गई, बहती हवा की लहरों पर।। Dipu Sapno ke kisse..💞