देश की हर बात है हमारी निराली.. ************************** देश की हर बात है हमारी निराली, देश की हर बात है हमारी निराली, जैसे बिखरती है, सूरज की लाली, देश की हर बात है हमारी निराली, तुम हो सुमन-सुगंध, तुम हो सुमन-सुगंध, तुम्हारी खुशबू है जैसे, स्नेह की दिवाली, तुम्हारी खुशबू है जैसे, स्नेह की दिवाली, देश की हर बात है हमारी निराली, देश की हर बात है हमारी निराली, कितना बहा है ख़ून, नदियों की तरह, कितना बहा है ख़ून, नदियों की तरह, कितनें बहे हैं आँसू, गंगा की तरह, कितनें बहे हैं आँसू, गंगा की तरह, तो आओ खाएँ क़सम, बिखरेंगे न हम, सदा रहेंगे साथ, टूटेंगे न हम, क्योंकि, देश की हर बात है हमारी निराली, देश की हर बात है हमारी निराली, देश की हर बात है हमारी निराली कवि मनीष पटना सिटी,बिहार ******************************************* ©कवि मनीष #कविमनीष #RepublicDay