है चमक ऐसी उस नूर-ए-नज़र की मानों जैसे ख़ुदाया आफ़ताब हो गए, महक उठी जब फ़िज़ा उनके इश्क़ में एहसास हुआ कि हम भी जवाँ हो गए, नसीब-ए-इश्क़-ए-वफ़ा, ख़ुदाया फ़ज़ल इस अहद-ए-उल्फ़त हम सफ़ा हो गए, तुम मिली तो जैसे मुक़म्मल हुई ख़्वाहिश ख़ुदा हम पे इस क़दर मेहरबाँ हो गए। #AbhishekChakraborty (Abhi) *आफ़ताब - सूरज , *नसीब-ए-इश्क़-ए-वफ़ा - destiny of love with fidelity, *फज़ल - oblogation, *अहद-ए-उल्फ़त - time of love, *सफ़ा - holy