#PulwamaAttack पुलवामा के शहीदों की प्रथम बरसी पर श्रद्धा सुमन : समय सांध्य वंदन का अब है, अरुणित सूर्य को अर्घ देलें कर चुके कुम्भ तर्पण हम तो, सौगंध भवानी के लेलें पुलवामा का बलदानी स्थल, भर दें किंशुक सुमन पात से जिस राह हुए थे बलिदानी, अरि ने मारा कुत्सित घात से निकल पड़े थे हम शत्रु शमन को, रणभेरी बजा बजा कर न तीन पूरे एक सौ आठ, मनको से रणभूमि सजा कर रक्ताभ मार्तण्ड हुआ था, उद्दंड समर प्रचंड हुआ था हूंकारित कोदंड को कर, अरि मस्तक खंड खंड हुआ था ` इक दो नहीं चालीस, बलिदानों का तर्पण करते हैं हम क्षत विक्षत हत श्लथ पथ, अमर्त्य क्षरित मरण करते हैं हम लक्ष्य विकट, पर भी चिंतित न हो दग्ध बंधन करते हैं हम जयति प्रहारक अरि संहारक, अब अभिनंदन करते हैं हम पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि