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सच देश की बेटियां सड़क पर चल रही हैं।

सच देश की बेटियां सड़क पर चल रही हैं।                                                                                                               सोच समझ के साथ पढ़ बढ़ रही है।                                                            बस आधुनिक समय के फैशन समझ रही है।                                                                                                            मन भावों में झूठ कहीं सोच रही है।                                                                                माता पिता और भाई को बहाने दे रही है।                                                                                    सच अपनी समझदारी ना समझ रही है।                                                                                                                      सच बच्चों की गलती भूलाई जाती हैं।                                                                                                         एक उम्र और नासमझी से ग़लती हो जाती है।                                                                                                       बस जिस माता पिता ने जन्म दिया हमको है।                                                                                       हमने न बात उनकी समझ रहे हैं।
 सच यही बेटियां सड़क पर कट रही है।                                                                                                                                                               सच समाज और सोच  हम सबकी  ही तो है।                                                                                 बस नासमझी हम सब जानते है।                                                                           हां तुम नारी शक्ति सभी मानते हैं।                                                                  बस सोच और दृढ़ निश्चय होते हैं।                                                                सब दोषी सजा तो पा ही जाते है।                                                                                           बस बेटियां खो गई तब हमें भी सजा हो जाती है।                                                     आओ सोच समझ कर कदम उठाते हैं।                                                            हम सभी बेटियां आज सोच समझ हिन्दू हिन्दूत्व बनाती हैं। 
                                                                            
 *नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र*है

©Neeraj Agarwal #बेटियाँ
सच देश की बेटियां सड़क पर चल रही हैं।                                                                                                               सोच समझ के साथ पढ़ बढ़ रही है।                                                            बस आधुनिक समय के फैशन समझ रही है।                                                                                                            मन भावों में झूठ कहीं सोच रही है।                                                                                माता पिता और भाई को बहाने दे रही है।                                                                                    सच अपनी समझदारी ना समझ रही है।                                                                                                                      सच बच्चों की गलती भूलाई जाती हैं।                                                                                                         एक उम्र और नासमझी से ग़लती हो जाती है।                                                                                                       बस जिस माता पिता ने जन्म दिया हमको है।                                                                                       हमने न बात उनकी समझ रहे हैं।
 सच यही बेटियां सड़क पर कट रही है।                                                                                                                                                               सच समाज और सोच  हम सबकी  ही तो है।                                                                                 बस नासमझी हम सब जानते है।                                                                           हां तुम नारी शक्ति सभी मानते हैं।                                                                  बस सोच और दृढ़ निश्चय होते हैं।                                                                सब दोषी सजा तो पा ही जाते है।                                                                                           बस बेटियां खो गई तब हमें भी सजा हो जाती है।                                                     आओ सोच समझ कर कदम उठाते हैं।                                                            हम सभी बेटियां आज सोच समझ हिन्दू हिन्दूत्व बनाती हैं। 
                                                                            
 *नीरज अग्रवाल चंदौसी उप्र*है

©Neeraj Agarwal #बेटियाँ