आज भी झूठ जुबान पर रेहता है, क्या सबूत है तूं सच सरेआम कहता है। तुम वेवफा न सही झूठे तो थे ही, यूं ही नहीं मेरे दिल का कत्ल हर शाम होता है। #breakup #poetry