बस आस थी कि नजर मिले कभी भी और प्यार हो जाए तू शर्माना छोड़, थाम मेरा दामन ले, तेरे नजरों का तीर दिल के पार हो जाए.. मुझे याद है मेरा इजहार ,वो प्यार .. वो मौसम, वो रुत…| हवा में लहराते तेरे बाल, मदमस्त तेरी चाल , उस पर आंखें तेरी कमाल और वह लाल गाल, साथ ही बहुत कुछ….| मुझे याद है वह सर्द रात ,तेरी हर एक बात यहां तक कि मेरी कैंटीन कि वो पहली डेट चाय वाली सब है मेरे पास, आज बीते वक्त के साथ , बस तू नहीं खाली नहीं खाली यूं तो लाख चेहँरों से मुलाकात हुई है हमारी पर तेरे चेहरे को अब तक नहीं भूला क्या करूं मैं इस खुमारी का.. एक दौर था जब शिकार हुआ शिकारी का , #dil_tuta_tha2