" कुछ बात जेहन में होती तो वेशक बताता मैं , तेरा ख्याल यूं ज़ाहिर करता या फिर चुप रहता मैं , अभी - अभी तो तेरा मेरा सामना हुआ हैं यूं , होने दें कुछ और रब्बता तेरा - मेरा इस मयस्सर में , तमाम ख्याल के आरज़ू तुझपे दस्तक देकर जायेंगे , तेरा मेरा यूं सामना इस मयस्सर में फिर से कई दफा तो होने दें . " --- रबिन्द्र राम Pic : pexels.com " कुछ बात जेहन में होती तो वेशक बताता मैं , तेरा ख्याल यूं ज़ाहिर करता या फिर चुप रहता मैं , अभी - अभी तो तेरा मेरा सामना हुआ हैं यूं , होने दें कुछ और रब्बता तेरा - मेरा इस मयस्सर में , तमाम ख्याल के आरज़ू तुझपे दस्तक देकर जायेंगे , तेरा मेरा यूं सामना इस मयस्सर में फिर से कई दफा तो होने दें . "