मन कागज़ की नाव है जैसी हवा वैसा बर्ताव है। बैठा के अनेकों ख्वाहिशें खुद पे चल चलती जहाँ एक गावँ है। हिचकोले खाती संभलती ये सब मौसम का बदलाव है। गुरु दया से स्थिर करना है अब सिर्फ इतना भाव है। मन काग़ज़ की नाव, जैसी हवा वैसा इसका बर्ताव। #nammy27 #गुरु #कागज़_की_कश्ती #yqtales #मन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi