तू धीर है, गंभीर है, तुझमें सहनशीलता अधिक है। बच्चे सी मासूमियत तुझमें, तू यौवन सी चंचल हिऱन है। कलकल बहती नदियों सा नीर तू, दफ्न कई राज़ तय में जिसकी, वो सिंधु वो जलधि की गहराई तू। परिवार की शान तू, हर घर आन तू, मान तू, अभिमान तू, प्रतिष्ठा और स्वाभिमान तू। ममत्व का भंडार तू, सतीत्व का श्रृंगार तू, हिंमत तू, ताक़त तू, खूब लड़ी जो मर्दानी वो झांसी की रानी तू। वार तू, त्योहार तू, खुशियों का आग़ाज़ कर, गम को दे अंजाम तू। शकित है तू शिवा की, मरियम है तू ईशा की। सीता सा संयम तू , राधा सा तू प्यार, भक्ति तू मीरां सी, उर्मिला सा तू त्याग । जमीन पे नहीं तू आसमाँ पे भी राज करती है, सफ़र विज्ञान का तू बाखूबी तय करती है। क्या है जो तू कर नहीं पाती . . . ? ऐसे ही तो, तू सर्जनहार नहीं कहलाती...। टूटकर बिखर जाए वो काँच की गुड़िया तू, और समेटकर जो ख़ुद को फिर सँवार ले वो धैर्य, वो आत्म्विश्वास, वो कुछ कर गुजरने की ज़िद्द तू। घर की तू नैमत, बरक़त तू सज़दे की, आशीर्वाद तू, तू परिभाषा संस्कार की। माना तू एक सही पर रूप तेरे अनेक है एक लफ्ज़ में जो कहा जाए . . . तू वो प्रतिभा है "नारी शक्ति" की। ©Dips Writeups #dipswriteups #notjustwords #Ďìþţî #BěěţêĹãmhęîñ #SheTheHero #womensday #mahiladivas #standAlone