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जब चाहा बता दूं किसी अपने को दिल का हाल, वक्त निकल

जब चाहा बता दूं किसी अपने को दिल का हाल,
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी,

जब भी चाहा करू खुद के लिए कुछ, 
वक्त निकलता रहा  कुछ कर न सकी,

जब चाहा इज़हार करो मोहब्बत का,
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी, 

जब चाहा कर दू जाहिर दिल के जज़्बात,  
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी।   ❤ प्रतियोगिता- 623

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"वक़्त निकलता रहा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
जब चाहा बता दूं किसी अपने को दिल का हाल,
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी,

जब भी चाहा करू खुद के लिए कुछ, 
वक्त निकलता रहा  कुछ कर न सकी,

जब चाहा इज़हार करो मोहब्बत का,
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी, 

जब चाहा कर दू जाहिर दिल के जज़्बात,  
वक्त निकलता रहा पर कर न सकी।   ❤ प्रतियोगिता- 623

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"वक़्त निकलता रहा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
manjusharma7790

Manju Sharma

New Creator