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गम-ए-ज़िन्दगी तू ही बता, इसे कैसे जिऊँ, जो गम दिए इ

गम-ए-ज़िन्दगी तू ही बता, इसे कैसे जिऊँ,
जो गम दिए इसने बहुत, उन्हें मैं कैसे सियूँ, 

हर शाम गमों कि पोटली, शराब में भुला देता हूँ,
फ़िर गुज़ारने को ज़िन्दगी, शराब मैं कैसे ना पियूँ !! गम-ए-ज़िन्दगी तू ही बता, इसे कैसे जिऊँ,
जो गम दिए इसने बहुत, उन्हें मैं कैसे सियूँ, 

हर शाम गमों कि पोटली, शराब में भुला देता हूँ,
फ़िर गुज़ारने को ज़िन्दगी, शराब मैं कैसे ना पियूँ !!
© Ritu Raj Gupta

#liveyourlife
गम-ए-ज़िन्दगी तू ही बता, इसे कैसे जिऊँ,
जो गम दिए इसने बहुत, उन्हें मैं कैसे सियूँ, 

हर शाम गमों कि पोटली, शराब में भुला देता हूँ,
फ़िर गुज़ारने को ज़िन्दगी, शराब मैं कैसे ना पियूँ !! गम-ए-ज़िन्दगी तू ही बता, इसे कैसे जिऊँ,
जो गम दिए इसने बहुत, उन्हें मैं कैसे सियूँ, 

हर शाम गमों कि पोटली, शराब में भुला देता हूँ,
फ़िर गुज़ारने को ज़िन्दगी, शराब मैं कैसे ना पियूँ !!
© Ritu Raj Gupta

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