तेरे हर दांव का जवाब कश्मकश से दूँगा ये कम्बख्त धड़कनों की लड़ाई में मेरी साँसे हैं के बस थमने को हैं । (क्रमशः) #700th #CalmKaziWrites तेरे हर दांव का जवाब कश्मकश से दूँगा । ये कम्बख्त धड़कनों की लड़ाई में, मेरी साँसे हैं के बस थमने को हैं । क्योंकि लड़ते तो हम तब भी थे और आज भी