तेरी चाहत में तेरी हसरत है मुझे बहुत सताती है तेरी इच्छा पर तेरी हसरत है मुझे बहुत सताती है शुन्य गगन में चपला चमकी बही मन्द पुरबाइ सच मानो मित्र हमें उसी क्षण याद तुम्हारी आई गया हृदय का कोना कोना तक्षण बिरहा कुल हो फुट पड़ी जल की धारा तब नैनों की माग आकुल हो #Forest