दिल-आज़ार से तवक़्क़ो दिल-नवाज़ी की, फ़क़त मैंने ही नहीं,कईयों ने ये गुस्ताख़ी की। #दिलनवाज़ी #गुस्ताखी #urduhindi_poetry #urdukipathshala #urdupoetrylovers