ना मैं हिन्दू , ना मैं मुसलमान मैं हूँ देश का , एक सच्चा इंसान जीने की राह दिखाता है भारत का संविधान फिर भी अपने खेतों के लिए , हर गली भटक रहा किसान लहराती है फसलें , मुझे भी खाने का मज़ा चाहिए मुझे भी जीने का हक़ चाहिए......... 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 🙏 ©Sethi Ji आज काली रात है , कल सवेरा जरूर होगा अगर यह देश नहीं बदला , हमें बदलना होगा । ऐसे हम अपनी आंखे मोड़ कर नहीं बैठ सकते समाज की उन्नति के लिए , हर एक इंसान को जीना होगा ।।