एक शाम ऐसी भी की, सूरज डूबा पर अंधेरा ना हुआ। महखाने में जाम छलके कुछ यूं कि, नशा तो चढ़ा पर शराब को ना छुआ। अंधेरे का डर नहीं था उसकी मौजूदगी में, किस्मत तो देखो, वो क्या गया, रात तो गुजरी, पर सवेरा ना हुआ..।। एक शाम ऐसी भी #ekshaam #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan