क्या सचमुच हैं ऐसा की जिस दोस्ती का छेत्र, मैं ब्रह्माण्ड से भी विस्तृत खुद की कायनात से भी ज्यादा समझता हूं, वो कागज पर मात्र एक बिंदु समान हैं, जिसके ना आदि का पता ह न अंत का, जो कब शुरु होता है कब ख़त्म कुछ पता नही क्या सचमुच हैं ऐसा ?? #NojotoQuote For full poem take a look at my YouTube channel Deva's Blender https://youtu.be/eVShrdqEx0c #poetry #hindipoetry #nojotodesk #writersdesk #writersnetwork #kavi #hindikavi