फ़रोज़ाँ है शख़्शियत उसकी कब तक नज़रें फेर सकेगी 'निर्झरा'..! बना ही लेगा तुझे वो अपना कब तक गुमान-ए-सब्र में रहेगी..!! 🌹 फ़रोज़ाँ-सी है शख़्शियत उसकी कब तक नज़रें फेर सकेगी 'निर्झरा'! बना ही लेगा तुझे वो अपना कब तक गुमान-ए-सब्र में रहेगी..!! 🌹 #mनिर्झरा