वह हम से रुठी है इस कदर गैरों से मुस्कुरा के बात कर रही है हम मनाने की कोशिश करते है बार बार मगर वह हम से आंख नहीं मिला रही है अब उनको अपने हाल पर छोड़ देंगे अब किस से आंखें मिलाकर बात कर रही है उनको जब एक दिन एहसास होगा मेरा तब फिर हमसे वह मिलकर बात कर रही है हम भी रूठे रहेंगे तब तक उनसे जब वह हमसे लिपट कर अब रो रही है वह हम से रुठी है इस कदर गैरों से मुस्कुरा के बात कर रही है हम मनाने की कोशिश करते है बार बार मगर वह हम से आंख नहीं मिला रही है अब उनको अपने हाल पर छोड़ देंगे अब किस से आंखें मिलाकर बात कर रही है