पेज-63 गूगल बाबा बोले -[चाय बनाने के लिये आपको किचिन में जाना होगा...! शुभस्य शीघ्रं... जाइये.. यजमान.. ! पुष्पा- अरा रा रा रा .. यजमान.... ओहो.. लो जी..... आ गई.. किचिन में... देखो मेरा किचिन ... लेटेस्ट डिजाइन है.. गिफ्टेड बाय.. खैर ... शॉर्ट में बताते चलो अब गूगल बाबा-[आप बहुत बोलते हैं कम बोलिये.. और ध्यान से सुनते जाइये... एक छोटा बर्तन जिसे आप गंजी कहते हैं उसमें पानी भरकर गैस पर रखिये.. और गैस ऑन कीजिये..] पुष्पा जी- हम्म.. ओके.. रख दिया.. आगे..? आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-63 [ पानी डालिये नहीं तो गंजी जल जायेगी...!] पुष्पा-उई माँ... पाँणीं डाल दिया.. ! अब कि करूँ.. ! [ शक़्कर पत्ती डालिये... !] पुष्पा- शक़्कर पत्ती.. ! एईईईई.. पहले शक़्कर या पत्ती.. ! [ कितने लोगों के लिये बना रहे हैं चाय..? ] पुष्पा जी-चार जीवों .... ! ( उई माँ..,! 🤭