प्रेंम की शक्ति प्रेंम अगर पूर्ण हो तो चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा ये प्रेंम ही था ज़िसकी रक्षा को मेरे गिरधारी ने कन्नी उंगली पे परवत था उठाया ये प्रेंम ही था ज़िसकी रक्षा को अखंड ब्रह्मांड नायक ने अर्जुंन का रथ था चलाया चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा ये प्रेंम की ही थी शक्ति की अभिमन्यु के हर घाव पे कृष्णा की आँखों मे आँसू आया ये प्रेंम ही था जिसके मान को रखने कन्हैया ने 56 भोग को ठुकरा के केले का छिल्का खाया चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा ये प्रेंम ही था जिसको बचाने मुरली वाले ने द्रौपदी का चीर बड़ाय़ा ये प्रेंम ही था जिसके सम्मान को बचाने खुद कन्हैया ने प्रतिज्ञा त्याग के रथ का पहिया था घुमाया चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा देखो प्रेंम का समर्थ ज़िसको समझाने खुद गोपल ने गीता का ज्ञान समझाया ये प्रेंम ही है जिसके कारण तीनो लोको ओर समस्थ ब्रह्मांडों का स्वामी सुदामा के लिये नंगे पांव दौड़ा आया चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा इस प्रेंम को क्या मैं समझा पाऊंगा मैं नासमझ कि जिस रुप को देखने जन्मों जन्म लगते है योग से,ये प्रेंम ही है जिसमें परमावतार भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुंन के साथ संजय को भी अपना विश्वरुप दिखाया प्रेंम अगर पूर्ण हो चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा ©शिवम मिश्र विधि विद्यार्थी के के सी ,लखनऊ प्रेंम की शक्ति प्रेंम अगर पूर्ण हो तो चट्टानों से भी मिल जाती है छाय़ा ये प्रेंम ही था ज़िसकी रक्षा को मेरे गिरधारी ने कन्नी उंगली पे परवत था उठाया